Bihar Land Survey
बिहार में चल रहे भूमि सर्वे के दौरान जमीन मालिकों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अगर जमीन के कागजात उपलब्ध नहीं हैं, तो भी मालिकों को भागीदारी से वंचित नहीं किया जाएगा। सरकार और राजस्व मंत्री ने स्पष्ट ऐलान किया है कि ऐसे हालात में क्या करना चाहिए और किस तरह जमीन सर्वे में हिस्सा लिया जा सकता है.
सर्वे में दस्तावेज की समस्या
बहुत से भू-मालिक ऐसे हैं जिनके पास अहम दस्तावेज जैसे खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज, वंशावली आदि उपलब्ध नहीं हैं या समय के साथ खराब हो गए हैं। मंत्री संजय सरावगी और दिलीप जायसवाल ने बताया कि ऐसी परिस्थिति को सरकार ने गंभीरता से लिया है। अगर जमीन के कागजात फट गए हैं, जल गए हैं, दीमक के कारण खराब हो गए हैं, या अभिलेखागार में भी न मिलें, तो मालिकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
राहत का रास्ता: स्वघोषणा और सीमित दस्तावेज
भूमि सुधार मंत्री ने राहत देते हुए बताया कि स्वघोषणा (Self Declaration) के साथ सभी कागजात देना अनिवार्य नहीं है.
जितने दस्तावेज वर्तमान में उपलब्ध हैं, उनके आधार पर स्वघोषणा पत्र जमा करें। बाकी दस्तावेज वक्त के साथ धीरे-धीरे (किस्तवार एवं खानापूरी के समय) उपलब्ध कराया जा सकता है.
बिहार सरकार के नए आदेश के मुताबिक, जिनके पास कागजात नहीं हैं या दस्तावेज खराब हो गए हैं, ऐसे केस में 15 तरह के वैकल्पिक कागजात स्वीकार किए जाएंगे। संबंधित विभाग इनकी सूची जारी करेगा, जिससे विकल्प चुन सके.
जिन लोगों का 50 साल या उससे अधिक समय से कब्जा है और विवाद नहीं है, ऐसे लोगों का नाम सीधे सर्वे में शामिल होगा, चाहे कागजात न मिले हों.
जमीन मालिक क्या करें
Bihar Land Survey
सर्वे के समय जितने दस्तावेज हैं– खतियान, रसीद, दाखिल खारिज, वंशावली– उपलब्ध हों तो संलग्न कर दें.
बाकी दस्तावेज का इंतजाम सर्वे प्रक्रिया के आगे बढ़ने पर करें; सर्वे का काम रुकने नहीं दिया जाएगा.
यदि दस्तावेज में कोई दिक्कत है, तो सरकारी शिविर एवं विभाग से विकल्प की जानकारी लेते रहें.
जिनका घर पुश्तैनी है और विवाद नहीं है, वे भी शामिल हो सकते हैं.
Bihar Land Survey
सरकार की मदद और भरोसा
राजस्व मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि जमीन सर्वे के दौरान किसी भू-मालिक को कागजात की कमी के कारण परेशानी नहीं होगी। सरकार कागजों को प्राप्त करने में मदद करेगी और विकल्प उपलब्ध कराएगी. सर्वे प्रक्रिया पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। ऐसे में जमीन मालिक समय रहते उपलब्ध दस्तावेजों के साथ सर्वे में भाग लें और बाकी कागजात बाद में उपलब्ध कराएं।
निष्कर्ष: अब बिहार भूमि सर्वे में भागीदारी के लिए सभी दस्तावेज आवश्यक नहीं हैं। जितने दस्तावेज उपलब्ध हैं, उनके साथ स्वघोषणा करें। बाकी का इंतजाम आगे किया जा सकता है। सरकार भू-मालिकों को हर स्तर पर सहयोग दे रही है, ताकि कोई व्यक्ति अपने हक से वंचित न रह जाए