Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे इतने दिनों के लिए टला! नीतीश कुमार के मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

Bihar Land Survey

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे इतने दिनों के लिए टला! नीतीश कुमार के मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

बिहार में जमीन सर्वे को लेकर हाल ही में कई नई पहल और अपडेट्स आए हैं। राज्य सरकार ने 16 अगस्त 2025 से 20 सितंबर 2025 तक एक विशेष राजस्व महा-अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य जमीन से जुड़े मामलों में तेजी, पारदर्शिता और जनता को बेहतर सुविधा प्रदान करना है। इस अभियान के अंतर्गत डिजिटाइज्ड जमाबंदियों में त्रुटियों को ठीक किया जाएगा,

छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जाएगा, उत्तराधिकार नामांतरण और संयुक्त संपत्तियों के बंटवारे के आवेदन लिए जाएंगे। राजस्व विभाग की टीम घर-घर जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन प्रपत्र वितरित करेगी तथा हल्का स्तर पर शिविर लगाकर दस्तावेजों का संकलन भी किया जाएगा। इस अभियान से जमीन के मालिकों को जमीन संबंधित समस्याओं का समाधान जल्द मिलने की उम्मीद है

बिहार में फिर हुआ जमीन सर्वे चालू?

इसके अलावा, जमीन सर्वे की समय सीमा अब 2026 के जुलाई तक बढ़ा दी गई है। शुरुआत में यह समय सीमा जुलाई 2025 थी, लेकिन सर्वे में आई परेशानी और चुनाव के चलते इसका विस्तार किया गया है। सर्वे का मकसद जमीन के असली मालिक को पहचानना और सही कागजात देना है। इसी बीच सरकार जमीन

सर्वे के नियमों में भी बदलाव का प्रस्ताव ला रही है, जिससे सर्वे की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया है कि नए कानून के साथ सर्वे में लोगों को होने वाली समस्याओं को कम किया जाएगा।

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बिहार में जमीन सर्वे में अब तक ग्रामीण इलाके में अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है और पंचायत स्तर पर सर्वे कर्मी तैनात किए गए हैं। इस सर्वे से जमीन के मालिकों को उनके अधिकार सशक्त करना और कागजात सही करना है। राजस्व महा-अभियान के दौरान सरकार ने घर-घर जाकर जमीन के दस्तावेजों की समस्याओं का समाधान करने की व्यवस्था की है ताकि लोगों को अंचल कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े इस अभियान में डिजिटल जमाबंदी सुधारना, नामांतरण, संयुक्त संपत्ति के मामलों का निपटारा जैसे कार्य शामिल हैं।

इस तरह, बिहार सरकार जमीन सर्वे को लेकर व्यापक कार्रवाई कर रही है ताकि जमीन से जुड़ी पारदर्शिता बढ़ सके और असली मालिकों का लाभ सुनिश्चित हो। यह कार्रवाई जमीन से जुड़ी विवादों को कम करने, कागजातों में सुधार करने और सर्वे की प्रक्रिया को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

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